हाँ, भारत में बाल श्रम अवैध है। इसे दो मुख्य कानूनों द्वारा प्रतिबंधित किया गया है:
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बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986:– यह अधिनियम 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कार्य में लगाने पर रोक लगाता है, जिसमें खतरनाक प्रक्रियाएं शामिल हैं।
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15 से 18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों को कुछ शर्तों के साथ "हल्के काम" में लगाया जा सकता है, जैसे कि परिवार के व्यवसाय में मदद करना।
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यह अधिनियम बाल श्रमिकों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रावधान का भी आदेश देता है।
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अनुच्छेद 24(1) में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खानों या अन्य खतरनाक रोजगारों में काम करने से स्पष्ट रूप से मना करता है।
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अनुच्छेद 39(e) राज्य को 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता है।
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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक: बाल श्रमिक अक्सर खतरनाक और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में काम करते हैं, जिससे उन्हें शारीरिक चोट और बीमारियों का खतरा होता है।
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शिक्षा से वंचित: बाल श्रमिकों को अक्सर स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनकी शिक्षा और भविष्य की संभावनाएं प्रभावित होती हैं।
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शोषण और उत्पीड़न का खतरा: बाल श्रमिकों का शारीरिक, यौन और भावनात्मक रूप से शोषण होने का खतरा अधिक होता है।
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मानव तस्करी में फंसने का खतरा: बाल श्रमिकों को मानव तस्करी के लिए लक्षित किया जा सकता है और उन्हें जबरदस्ती काम करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
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मानव अधिकारों का उल्लंघन: बाल श्रम मानव अधिकारों का उल्लंघन है और बच्चों की गरिमा और मूल्य को कम करता है।