हमको एक दादा मिले जिनकी हमने पहले भी मदद करी थी |

लेकिन तब हमरे पास सारी सुविधाए ना होने के कारण हम उनकी पूरे तरह से मदद नहीं कर सके थे |

आज हमारी टीम को वह दादा जी फिरसे बहुत बुरी कंडीशन मे मिले |

हमने उनके पास जाकर उनको हमारे दान पात्रा आश्रम ले जाने के लिए समझाया |

फिर बहुत कोशिश के बाद वह हमारे साथ जाने को तैयार हो गये |

आने के बाद भी वह बहुत मुश्किलो के बाद बाल काँटे और नहाए |

फिर वह बहुत नाटक करने लगे और रुकने के लिए मान नहीं रहे थे |

इसी कारण के वजे से हमको उनको वापिस मंदिर लाना पड़ा |

आशा करते है वह फिरसे भीक ना माँगे |