भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और उम्र भी बढ़ रही है। इसका मतलब है कि अधिक लोग अपने जीवन के अंतिम चरण में पहुँच रहे हैं। 

image credit : social media

पहले भारत में संयुक्त परिवारों का चलन था, जहाँ कई पीढ़ियाँ एक साथ रहती थीं और बूढ़े माता-पिता की देखभाल बच्चों द्वारा की जाती थी. लेकिन अब परमाणु परिवारों का चलन बढ़ रहा है, जिससे वृद्धों की देखभाल की ज़िम्मेदारी सिर्फ उनके बच्चों पर आ जाती है. 

image credit : social media

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में बच्चों के पास अपने माता-पिता की देखभाल के लिए पर्याप्त समय नहीं बचता. ऐसे में वृद्धाश्रम एक सहारा बन जाते हैं. 

image credit : social media

कई बार आर्थिक मजबूरी के कारण भी बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल ठीक से नहीं कर पाते. ऐसे में वृद्धाश्रम उनके लिये किफायती रहने का विकल्प बन जाते हैं. 

image credit : social media

तेजी से हो रहे शहरीकरण की वजह से शहरों में रहने की जगह कम हो रही है. छोटे घरों में कई पीढ़ियों का साथ रहना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में वृद्धाश्रम बुजुर्गों के रहने के लिये एक उपयुक्त विकल्प बन जाते हैं. 

image credit : social media

पारंपरिक रूप से भारतीय समाज में बुजुर्गों को बहुत सम्मान दिया जाता था. लेकिन हाल के समय में सामाजिक मूल्यों में बदलाव आया है, जिससे कई बार परिवार में बुजुर्गों को उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. वृद्धाश्रम ऐसे बुजुर्गों को सम्मान के साथ रहने का वातावरण प्रदान करते हैं. 

image credit : social media

कई वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को विशेष चिकित्सा सुविधाओं की ज़रूरत होती है. वृद्धाश्रम इन सुविधाओं को उपलब्ध कराते हैं. 

image credit : social media

वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को अकेलेपन से बचाने के लिये वहाँ पर विभिन्न सामाजिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिससे वे आपस में घुल-मिल सकें और उनका मनोरंजन हो सके. 

image credit : social media

बुढ़ापे में अपराधों का शिकार होने का खतरा रहता है. वृद्धाश्रम बुजुर्गों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं. 

image credit : social media

इन सभी कारणों की वजह से वृद्ध आश्रम की संख्या बढ़ती जा रही है

image credit : social media

क्लिक करे और जानिए ऐसे आश्रम के बारे में जो गरीब बूढ़े लोगों के लिए बना फरिश्ता!

image credit : social media